Shodashi - An Overview

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श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१॥

वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—

The Mahavidya Shodashi Mantra aids in meditation, improving interior serene and focus. Chanting this mantra fosters a deep sense of tranquility, enabling devotees to enter a meditative condition and link with their interior selves. This gain enhances spiritual recognition and mindfulness.

दक्षाभिर्वशिनी-मुखाभिरभितो वाग्-देवताभिर्युताम् ।

साशङ्कं साश्रुपातं सविनयकरुणं याचिता कामपत्न्या ।

यत्र श्री-पुर-वासिनी विजयते श्री-सर्व-सौभाग्यदे

She is a component in the Tridevi plus the Mahavidyas, symbolizing a spectrum of divine femininity and affiliated with each moderate and intense aspects.

ह्रीं‍श्रीर्मैं‍मन्त्ररूपा हरिहरविनुताऽगस्त्यपत्नीप्रदिष्टा

ह्रीङ्काराम्भोधिलक्ष्मीं हिमगिरितनयामीश्वरीमीश्वराणां

हस्ते पाश-गदादि-शस्त्र-निचयं दीप्तं वहन्तीभिः

श्रौतस्मार्तक्रियाणामविकलफलदा भालनेत्रस्य दाराः ।

Her purpose transcends the mere granting of worldly pleasures and extends on the purification from the soul, leading to spiritual enlightenment.

The Mahavidyas are a gaggle of ten goddesses that stand for various areas of the check here divine feminine in Hinduism.

॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥

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